रविवार, 15 अक्तूबर 2017

कचरा युद्ध


दो घरों के बीच एक खाली प्लाट हो तो दिवाली की सफाई का आनंद दूना हो जाता है. मिसेस तलवार ने मकान किराये पर लेते वक्त खास तौर पर इसका ध्यान रखा था कि घर के पास कम से कम एक खाली प्लाट होना ही चाहिए चाहे किराया दो-चार सौ ज्यादा लग जाये चलेगा. आज दिवाली की सफाई के दौरान जब दूसरे लोग अपना अटाला और कचरा लिए इधर उधर घूम रहे हैं या फिर हल्ला-गाड़ी का इंतजार कर रहे हैं, मिसेस तलवार आराम से टोकरी भर भर के अपना कूड़ा पडौस के प्लाट में डाल रही हैं. मिस्टर तलवार पुलिस महकमें में हैं और इस बात को उन्होंने मोहल्ले के पचास पचास घरों तक सबको बता दिया है. साथ में यह भी कोई उनके पास वाले प्लाट में कचरा नहीं डालेगा, सिर्फ वे ही डालेंगी.
मिसेस तलवार बेहद सफाई पसंद हैं. जो साफ कपड़े महीने भर तक पहने नहीं गए हों उन्हें भी धुलवा लेती हैं चाहे वे पहले से घुले और प्रेस किये रखे हों. बर्तनों का भी ऐसा ही है. बिना वापरे ही हर तीसरे दिन बर्तन मंजवना उनके लिए जरुरी है. उनका तर्क है कि जब कल का नहाया आदमी आज फिर नहाता है तो कपड़े-बर्तन के साथ अन्याय क्यों ? घर में फर्श का हाल यह है कि चाहे कितनी भी ठण्ड क्यों न हो वे दिन में दो बार पोंछा अवश्य लगवाएँगी. कई बार तो लगता है कि फर्श मिसेस तलवार को देख कर कांप रहा है.
इस बार मामला जरा चुनौती का हो गया है. हो यह रहा है कि सामने वाली मिसेस बाघमारे के घर की सफाई चल रही है और वे भी घर का कूड़ा कचरा दनादन खली प्लाट में डलवा रही हैं. कचरा क्या डलवा रहीं हैं लगता है मिसेस तलवार को सीधे चुनौती दे रही हैं. उनके पति यानी बाघमारे जी नेता हैं और हाल ही में पार्टी के नगर अध्यक्ष हो गए हैं. उनका कहना है कि पुलिस-उलिस को तो वे अपनी जेब में रखते हैं. उनकी जेब में मिसेस बाघमारे कभी भी हाथ डाल सकती हैं और मन में आये उसको यहाँ से वहां फैंक सकती हैं. जाहिर है मिसेस तलवार से उन्हें रत्ती भर भी डर नहीं है. बल्कि वे अब चाहती हैं कि मिसेस तलवार उनसे भले ही डरें नहीं पर इज्जत तो करें.
इधर मिसेस तलवार का पारा गरम हो कर लगातार उछालें मार रहा है. कुछ कर नहीं सकतीं लेकिन प्रतिस्पर्धा से बहार होना भी उन्हें गवारा नहीं है. उन्होंने अपना और कचरा प्लाट में फैंकना शुरू किया. लेकिन एक साथ जरुरी कचरा घर में उपलब्ध नहीं था. मजबूरन थाने का कचरा भी उन्हें बुलवाना पड़ रहा है. इस बहाने थाने की सफाई भी हो रही है और सिपाही कचरा ला कर मिसेस तलवार की तरफ ढेर कर रहे हैं. मिसेस बाघमारे ने भी नेतागिरी के प्रभाव से तमाम लोगों का कचरा अपनी साईड ढेर करवाना शुरू कर दिया. दो प्रभावशाली देवियों में कचरा युद्ध चल रहा है. जिसका पहाड़ जितना ऊँचा होगा वो उतना ही दूसरे को नीचा दिखा पाएंगी. एक पावर गेम सा कुछ है जो चल रहा है. लेकिन इस बहाने घर, मोहल्ला यहाँ तक कि थाना भी साफ हो गया है.

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